रिपोर्ट: माया लक्ष्मी मिश्रा, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स
रायबरेली। जिले में इन दिनों खाद की कमी से जूझ रहे किसानों के बीच खैरानी पहाड़गढ़ सहकारी समिति में बड़ा घोटाला सामने आया है। सलोन तहसील क्षेत्र स्थित इस समिति के सचिव देवेंद्र मिश्रा उर्फ राजू पर किसानों से डीएपी खाद (DAP Fertilizer) और नैनो लिक्विड (Nano Liquid) की बिक्री में अवैध वसूली (Overcharging) करने तथा एक्सपायरी डेट का माल देने के आरोप लगे हैं। किसानों द्वारा विरोध शुरू होते ही सचिव मौके से फरार हो गए, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
ग्रामीणों के अनुसार, किसानों से सरकारी दर से अधिक दाम वसूले जा रहे थे। जहाँ सरकार ने डीएपी खाद की कीमत 1350 रुपये प्रति बोरी तय की है, वहीं समिति में किसानों को 1600 रुपये प्रति बोरी की दर से खाद दी जा रही थी। कई किसानों ने बताया कि जब उन्होंने अधिक दर का विरोध किया, तो सचिव ने धमकी दी कि “खाद लेनी है तो इसी रेट पर लो, वरना वापस जाओ।” इतना ही नहीं, जो नैनो लिक्विड उर्वरक किसानों को दिया गया, वह समाप्त अवधि (Expiry Date 2024) का था। किसानों का कहना है कि इसे जबरदस्ती बेचा गया, जबकि यह फसल के लिए अनुपयोगी था।
किसानों का आक्रोश देखते हुए बड़ी संख्या में ग्रामीण सहकारी समिति के बाहर इकट्ठा हो गए और उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि सचिव लंबे समय से किसानों को खाद के नाम पर परेशान कर रहे थे और तय दर से ज्यादा पैसे वसूलते थे। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा है और उनकी रबी फसल (Rabi Crop) की बुवाई भी प्रभावित हो सकती है।
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एक स्थानीय किसान रामलाल यादव ने बताया, “हम सुबह से लाइन में लगते थे, लेकिन जब तक हमारी बारी आती, कहते कि खाद खत्म हो गई। बाद में जब मिली तो 1600 रुपये देने पड़े और साथ में एक्सपायरी लिक्विड भी थमाया गया।” वहीं किसान शिवबचन यादव ने कहा, “हमसे पैसे तो ज्यादा लिए गए, ऊपर से जो लिक्विड दिया गया वो खराब निकला। अब फसल का नुकसान तय है।”
घटना की जानकारी मिलते ही सचिव देवेंद्र मिश्रा उर्फ राजू फरार हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि उनका मोबाइल भी बंद है और वे कहीं दिखाई नहीं दे रहे। इस बीच, किसानों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। किसानों का कहना है कि अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सामूहिक आंदोलन करेंगे।
स्थानीय सूत्रों का दावा है कि देवेंद्र मिश्रा पर पहले भी अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं, लेकिन हर बार मामला दबा दिया गया। अब जब किसानों ने खुलकर विरोध किया तो यह पूरा मामला उजागर हो गया है।
प्रशासन ने घटना का संज्ञान लेते हुए जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सहकारी विभाग (Cooperative Department) और कृषि विभाग (Agriculture Department) दोनों से रिपोर्ट मांगी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से किसानों का भरोसा टूट रहा है और भ्रष्ट अधिकारी बेखौफ हो गए हैं।
इस घटना से किसानों के बीच भारी नाराज़गी है। कई युवाओं ने सोशल मीडिया पर भी इस मामले को उठाया है। ट्विटर और फेसबुक पर #KhairaniScam, #FertilizerFraud, और #JusticeForFarmers जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग प्रशासन से न्याय और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
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