अयोध्या में चौदहकोसी और पंचकोसी परिक्रमा के दौरान रूट डायवर्जन लागू — गोण्डा से अयोध्या जाने वाले वाहनों के लिए नया ट्रैफिक प्लान, 29 अक्टूबर से 5 नवम्बर तक रहेगा प्रभावी

 रिपोर्ट: आशीष श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ, उत्तर प्रदेश, कड़क टाइम्स

गोण्डा। आगामी चौदहकोसी और पंचकोसी परिक्रमा के साथ-साथ कार्तिक पूर्णिमा स्नान एवं मेला के अवसर पर जनपद अयोध्या में लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इस दौरान गोण्डा-अयोध्या मार्ग पर मालवाहक वाहनों के लिए रूट डायवर्जन (Route Diversion) लागू किया गया है जो दिनांक 29 अक्टूबर 2025 से 5 नवम्बर 2025 तक प्रभावी रहेगा। यह निर्णय शांति व्यवस्था, सुरक्षा और यातायात को नियंत्रित रखने के उद्देश्य से लिया गया है।

पुलिस प्रशासन ने जारी प्रेस नोट में बताया है कि थाना नवाबगंज क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक का पुनर्गठन किया गया है ताकि परिक्रमा और मेले के दौरान किसी भी प्रकार का जाम या अव्यवस्था न हो। भारी वाहनों जैसे ट्रक, डीसीएम, ट्रैक्टर आदि को अब सीधे अयोध्या जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, उन्हें वैकल्पिक मार्गों से होकर भेजा जाएगा।

रूट डायवर्जन के अनुसार, जनपद बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर और गोण्डा से चलकर अयोध्या की ओर जाने वाले भारी वाहनों को दर्जीकुआँ से डायवर्ट किया जाएगा। ये वाहन मनकापुर-दर्जीकुआँ होते हुए मनकापुर-बभनान मार्ग या फिर कोल्हमपुर-मनकापुर रोड से लोलपुर मार्ग से होकर अपने गंतव्य तक जाएंगे। यह व्यवस्था विशेष रूप से मालवाहक वाहनों पर लागू होगी ताकि मुख्य मार्गों पर धार्मिक यात्रियों को असुविधा न हो।

इसी तरह, छोटे वाहनों (Small Vehicles) के लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था बनाई गई है। अब ऐसे वाहन लकड़मंडी तिराहे से लोलपुर पुल की तरफ डायवर्ट किए जाएंगे और वहां से नया सरयू पुल (New Saryu Bridge) के रास्ते अपने गंतव्य को जाएंगे। प्रशासन का कहना है कि यह व्यवस्था यात्रियों और श्रद्धालुओं दोनों की सुविधा के लिए की गई है, जिससे मुख्य परिक्रमा मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव न बढ़े।

तीसरा प्रमुख रूट डायवर्जन थाना परसपुर और तरबगंज क्षेत्र से होकर अयोध्या जाने वाले वाहनों के लिए लागू किया गया है। इस रूट पर चलने वाले भारी और हल्के दोनों प्रकार के वाहन अब लकड़मंडी तिराहे से सीधे लोलपुर पुल डायवर्जन के रास्ते भेजे जाएंगे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव अपेक्षाकृत कम रहेगा और यह यात्रियों के लिए अधिक सुरक्षित रहेगा।

वहीं, जनपद बस्ती और अयोध्या से चलकर गोण्डा की ओर जाने वाले भारी वाहनों को मनकापुर-नवाबगंज मार्ग से डायवर्ट किया जाएगा। इस तरह, चारों दिशाओं से आने-जाने वाले वाहनों के लिए स्पष्ट वैकल्पिक मार्ग तय किए गए हैं, जिससे परिक्रमा के दौरान ट्रैफिक मैनेजमेंट (Traffic Management) पूरी तरह नियंत्रण में रहे।

पुलिस प्रशासन ने वाहन चालकों और ट्रांसपोर्ट संचालकों से अपील की है कि वे इन रूट डायवर्जन का कड़ाई से पालन करें (Follow Traffic Rules) और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। साथ ही, किसी भी तरह की अफवाह या गलत जानकारी पर ध्यान न देने की भी अपील की गई है।

गोण्डा पुलिस मीडिया सेल की ओर से जारी नोट में कहा गया है कि यह डायवर्जन सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक है, क्योंकि अयोध्या में हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालु परिक्रमा और स्नान करने आते हैं। ऐसे में ट्रैफिक का दबाव कई गुना बढ़ जाता है। यदि यह व्यवस्था लागू न की जाती तो श्रद्धालुओं को भारी जाम और असुविधा का सामना करना पड़ सकता था।

अधिकारियों ने बताया कि इस बार ट्रैफिक नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल (Extra Police Force), होमगार्ड, और ट्रैफिक कंट्रोल यूनिट्स (Traffic Control Units) को भी तैनात किया गया है। जगह-जगह बैरिकेडिंग, रिफ्लेक्टर साइन बोर्ड, और रूट गाइडिंग बैनर लगाए जा रहे हैं ताकि वाहन चालक आसानी से वैकल्पिक मार्गों की पहचान कर सकें।

पुलिस विभाग ने यह भी कहा है कि मालवाहक वाहन चालकों को अपने सफर की योजना पहले से बना लेनी चाहिए ताकि किसी प्रकार की असुविधा या देरी का सामना न करना पड़े। ट्रैफिक पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जो वाहन चालक इस रूट डायवर्जन का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ ट्रैफिक एक्ट (Traffic Act) के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय निवासियों ने पुलिस प्रशासन के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि हर साल परिक्रमा के दौरान ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या बन जाता था, जिससे आम जनता को भी परेशानी होती थी। इस बार प्रशासन ने पहले से तैयारी कर ली है, जिससे त्योहार और मेले का माहौल शांतिपूर्ण बना रहेगा।

सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष चौदहकोसी परिक्रमा 30 अक्टूबर से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा स्नान 5 नवम्बर तक चलेगा। इस दौरान अयोध्या में आने-जाने वालों की संख्या लाखों में होगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को देखते हुए प्रशासन ने यह डायवर्जन प्लान तैयार किया है।

अंत में, गोण्डा पुलिस प्रशासन ने दोहराया कि सभी वाहन चालक, ट्रांसपोर्टर और स्थानीय नागरिक सहयोग करें, ताकि परिक्रमा और मेला बिना किसी अव्यवस्था के संपन्न हो सके। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि आवश्यकतानुसार रूट पर ट्रैफिक हेल्पलाइन और अस्थायी कंट्रोल रूम भी संचालित किए जाएंगे ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता दी जा सके।

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